Jathagam.ai

श्लोक : 3 / 78

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
इस प्रकार, शिक्षित लोगों के एक समूह का कहना है कि कार्य बुरे हैं और उन्हें छोड़ देना चाहिए; और शिक्षित लोगों के दूसरे समूह का कहना है कि पूजा, तप और दान जैसे कार्यों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए।
राशी मकर
नक्षत्र श्रवण
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, दीर्घायु
इस भगवद गीता श्लोक के आधार पर, मकर राशि और तिरुवोणम नक्षत्र वाले व्यक्तियों को, शनि ग्रह के प्रभाव के कारण, अपने जीवन में कार्यों को अच्छी तरह से योजना बनाकर करना चाहिए। व्यवसाय और पारिवारिक जीवन में, उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से समझकर कार्य करना चाहिए। शनि ग्रह, धैर्य और संयम पर जोर देता है, इसलिए व्यवसाय में दीर्घकालिक सफलता पाने के लिए, उन्हें अपनी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करना चाहिए। पारिवारिक कल्याण में, उन्हें रिश्तों को बनाए रखना चाहिए और एकता को बढ़ावा देना चाहिए। लंबी उम्र जीने के लिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए। शनि ग्रह का प्रभाव उन्हें अपने कार्यों में धैर्य और सोच-समझकर कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। यह श्लोक उन्हें जीवन में स्थिरता लाने में मदद करेगा, और साथ ही उन्हें मानसिक संतोष और आध्यात्मिक विकास प्राप्त करने का मार्ग दिखाएगा।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।