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श्लोक : 7 / 28

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
सभी लोग इच्छानुसार खाने वाले भोजन में तीन प्रकार होते हैं; पूजा, तप और दान भी तीन प्रकार के होते हैं; अब, उनके भेद को मुझसे पूछो।
राशी कन्या
नक्षत्र हस्त
🟣 ग्रह बुध
⚕️ जीवन के क्षेत्र भोजन/पोषण, स्वास्थ्य, धर्म/मूल्य
इस भगवद गीता श्लोक में, भगवान श्री कृष्ण तीन प्रकार के भोजन और उनके गुणों को स्पष्ट करते हैं। कन्या राशि और अस्तम नक्षत्र वाले लोग आमतौर पर शुद्ध और स्वस्थ भोजन पसंद करते हैं। बुध ग्रह उनके ज्ञान और विवेक को बढ़ाता है। ये सत्त्व गुण वाले होते हैं, इसलिए भोजन और पोषण से संबंधित मामलों में बहुत ध्यान देते हैं। स्वास्थ्य इनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए वे शुद्ध और स्वस्थ भोजन का चयन करते हैं। धर्म और मूल्य इनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए ये भोजन और स्वास्थ्य से संबंधित क्रियाओं में नियमों का पालन करते हैं। जब ये अपने भोजन की आदतों को सही तरीके से बनाए रखते हैं, तो उनका मानसिकता और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। इससे, वे दीर्घकालिक जीवन और अच्छे स्वास्थ्य को प्राप्त करते हैं। यह श्लोक, कन्या राशि और अस्तम नक्षत्र वाले लोगों के लिए, भोजन और स्वास्थ्य से संबंधित दार्शनिकता का पालन करने के माध्यम से जीवन में धर्म और मूल्यों को विकसित करने का मार्गदर्शन करता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।