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श्लोक : 3 / 42

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
मनुष्यों के बीच, मुझे जन्महीन, आरंभहीन, और महान भगवान के रूप में जानने वाले, सभी पापों से दूर रहना चाहते हैं।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, स्वास्थ्य, धर्म/मूल्य
इस भगवद गीता श्लोक के आधार पर, मकर राशि में जन्मे लोगों के लिए शनि ग्रह का प्रभाव महत्वपूर्ण है। शनि ग्रह आत्मविश्वास और धैर्य को विकसित करता है। उत्तराद्रा नक्षत्र, निस्वार्थ सेवा और उच्च धर्म के लिए आधार के रूप में कार्य करता है। व्यवसाय जीवन में, शनि ग्रह मेहनत और अनुशासन को प्रोत्साहित करता है। इससे व्यवसाय में प्रगति हो सकती है। स्वास्थ्य, शनि ग्रह शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है, लेकिन इसके लिए अनुशासन का पालन करना आवश्यक है। धर्म और मूल्य, यह श्लोक दिव्य ज्ञान को समझकर, जीवन में उच्च धर्मों का पालन करने के माध्यम से पापों से मुक्त होने में मदद करता है। कृष्ण को जानने से, मानसिक शांति और आनंद प्राप्त किया जा सकता है। इससे जीवन के सभी क्षेत्रों में लाभ होते हैं। शनि ग्रह के मार्गदर्शन में, उच्च धर्मों का पालन करके, लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन जीना संभव है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।