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श्लोक : 28 / 42

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
सभी हथियारों में, मैं वज्रायुध हूँ; सभी गायों में, मैं कामधेनु हूँ; प्रजनन के बीच, मैं मनमथ हूँ; सभी नागों में, मैं वासुकी हूँ।
राशी सिंह
नक्षत्र मघा
🟣 ग्रह सूर्य
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य
इस भगवद गीता श्लोक में भगवान कृष्ण अपनी दिव्य शक्तियों का वर्णन करते हैं, उसी प्रकार सिंह राशि और मघा नक्षत्र आत्मविश्वास और नेतृत्व का प्रतीक होते हैं। सूर्य, इस राशि का अधिपति, प्रकाश और शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। व्यवसायिक जीवन में, सिंह राशि और मघा नक्षत्र वाले लोग अपनी विशिष्टता के कारण आगे बढ़ते हैं। वे वज्रायुध की तरह किसी भी चुनौती का सामना करने की क्षमता रखते हैं। पारिवारिक जीवन में, कामधेनु की तरह, वे अपने परिवार के सदस्यों की आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्वास्थ्य में, मनमथ की शक्ति की तरह, उन्हें अपने शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए। वासुकी जैसे नेतृत्व गुण, उन्हें अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ने में मदद करते हैं। इस प्रकार, इस श्लोक के माध्यम से, कृष्ण की दिव्य शक्तियों को समझकर, जीवन के कई क्षेत्रों में आगे बढ़ने का मार्गदर्शन मिलता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।